Monday, September 8, 2008

सम्मान


झूंठ बोलकर सम्मान अर्जित करने का प्रयास करने वाला शायद नहीं समझ पाता कि ऐसा करके वह स्वयं को कितना अपमानित कर रहा है ।

सबसे महत्वपूर्ण सम्मान वह है जो व्यक्ति स्वयं ही स्वयं को देता है ।

शेलेन्द्र .......

1 comment:

प्रदीप मानोरिया said...

बहुत सटीक लिखा है आपने हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है निरंतरता की चाहत है समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दें