किसी विशिष्ट व्यवहार मै स्थित हो जाने को व्यवस्था कहते हैं ।
किसी उद्देश्य को प्राप्त कर लेने की छटपटाहट तृष्णा कही जाती है ।
भयानकता के सौन्दर्य को समझ उसका सुंदर उपयोग करने से परम सौन्दर्य प्राप्त होता है ।
शारीरिक स्पर्श का अभाव हो जाने के बाद ही ह्रदय को स्पर्श करने वाली भावनाओं का जन्म होता है ।
शेलेन्द्र ....
Tuesday, August 26, 2008
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