Tuesday, August 26, 2008

पाप


पाप की परिभाषा मात्र इतनी है कि जिस कार्य को करने के पश्चात् , करने वाला पश्चाताप की अग्नि मै जलता रहे और वह पश्चाताप की अग्नि उसके सारे विकास को रोक दे , इसी को पाप कहा जा सकता है ।

शेलेन्द्र ....

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