प्रथ्वी पर जनम लेने वाले सभी लोग लाखों मै एक हैं । जनम लेने की कल्पना कर लेना सहज हो सकता है , लेकिन जनम लेना दुसकर कार्य है । जनम लेने जैसी प्रतियोगिता मानवों के बीच कभी नहीं देखी जा सकती ।
समान स्तर के लाखों जीव जानते हैं कि कोई एक ही इस प्रतियोगिता मै जीत कर जनम लेगा , पीछे रहने वाले समाप्त हो जायेंगे ।
हम सभी अपने स्तर की प्रतियोगिता को जीत कर आयें हैं । इतने महत्वपूर्ण मानव जीवन रुपी पुरस्कार को हम व्यर्थ न जाने दें । महान लोगों ने सत्य को जानने के लिए प्रयास किया , तप किया , चिंतन किया , साधना की । असंभव प्रतियोगिता को जीत कर जनम ले चुके हमें अपना विकास पूर्णता की सीमा पाने तक करें । ताकि फ़िर से इस प्रतियोगिता मै आने की जरुरत न पड़े ।
शेलेन्द्र ......
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