याम शब्द का तात्पर्य है तीन घंटे , जो साधक तीन घंटे तक प्राण का आयाम श्वांस के साथ कर सकता है , उसी को परनायम का साधक कहा जाता है ।
शरीर से प्राण निकलने के तीन घंटे तक कोई विकृति नही आती है । प्राण के आयाम को को एक याम तक विस्तृत करने वाले साधक ही शरीर के मध्यम से मृत्यु का साक्षात्कार कर पते हैं । यही प्राणायाम की साधना है ।
शैलेन्द्र शर्मा ...
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