ह्रदय में सच्चाई उत्पन्न हो जाने के बाद किसी भी क्षेत्र की सफलता दूर नही है ।
असफलता के रास्ते में व्यक्ति को व्यवधान बनकर खड़ा हो जाना चाहिए । तभी वह सफल हो पायेगा ।
संतान को जन्म देने मात्र से ही नारी पूजनीय नही हो जाती , जब वह संतानों के सर्वोत्तम पक्ष को उभरने में सफल होती है तब , वह महान बन जाती है ।
शैलेन्द्र शर्मा ...
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