Thursday, November 20, 2008

मोक्ष


योग मैं दो प्रकार के मोक्ष की बात की जाती है -

१ - जिन लोगों के लिए कहा जाता है कि यह उनका अन्तिम जन्म था , इसका मतलब हुआ कि उनकी मृत्यु ही नही हुई उन्होंने अमरत्व प्राप्त किया है , शरीर के साथ ही ।

२ - दूसरा मोक्ष जिसके लिए कहा जाता है कि - आत्मा अमर है किंतु पत्येक जनम के साथ आत्मा की पहचान बदल जाती है , योग साधना द्वारा आत्मा की मूल पहचान स्थाई हो जाती है , स्वेच्छापूर्वक अनेक जनम लेकर भी मूल पहचान् का स्मरण रहना ।

प्रथम मोक्ष केवल शिव की विशेष कृपा , या महा गुरु जी दत्तात्रेय जी की कृपा से सी सम्भव होता है । वे ही योग विद्या के आदि प्रवर्तक हैं ।

दूसरा मोक्ष योगी गुरु जी की कृपा से कठोर तप द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।

शैलेन्द्र शर्मा .....