Thursday, September 18, 2008

मानवीय कृत्य


अमानवीय कहे जाने वाले जितने भी कर्म हैं , वे सभी पूरी तरह से मानवीय हैं । क्योंकि मानव ही तथाकथित अमानवीय कृत्य करता है ।

आज के युग मैं पूरी ईमानदारी से बेईमानी की जाती है , हर वस्तु मै शुद्धतम रूप से मिलावट की जाती है ।

पूरी सच्चाई के साथ झूंठ बोला जाता है , झूंठ सच सा लगता है ।

3 comments:

श्यामल सुमन said...

रेणु जी,

नीरज की पंक्तियों के माध्यम से कहना चाहता हूँ कि-

किया जाय नेता यहाँ, अच्छा वही शुमार।
सच कहकर जो झूठ को, देता गले उतार।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com

betuki@bloger.com said...

बाकई अगर एक झूठ को दस लोग बोलेंगे तो सच जैसा ही लगने लगता है। सच को भी सोचने पर मजबूर होना पड़ता है।

BrijmohanShrivastava said...

नाम के आगे डाक्टर लिखा जाता तो अच्छा था